Everything about shiv chalisa lyrics english
Everything about shiv chalisa lyrics english
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अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।
शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
तदा एव काश्चन परीक्षाः समाप्ताः भवन्ति।
चित्रकूट के घाट-घाट पर, शबरी देखे बाट - भजन
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
कंबु – कुंदेंदु – कर्पूर – गौरं शिवं, सुंदरं, सच्चिदानंदकंदं ।
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
सोमवार के दिन आप सब से जल्दी उठ जाए और उसके बाद स्नान करें फिर पूजा घर में शिव जी माता पार्वती और नंदी को स्थापित करें तथा उन पर गंगा जल चढ़ाएं उसके उपरांत भगवान शिव website की प्रतिमा पर तिलक लगाएं और पूजा आरंभ करें ध्यान रखें जी आप सबसे पहले गणेश भगवान की आरती करें और उसके बाद ही आप शिवजी की चालीसा करें शिवजी पर बेलपत्र अवश्य चढ़ाएं.
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥
शिव भजन
वैसे तो आप शिव चालीसा को किसी भी दिन बोल सकते हैं, लेकिन रविवार, सोमवार तथा बुधवार को भगवान शंकर जी की चालीसा करने का बड़ा महत्व बताया गया.
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥